Jenis | Varian | ||||
---|---|---|---|---|---|
4.0 40 APK | |||||
Ukuran: 20.55 MB Sertifikat: 662027dc449eeac98aff079b70bcb857a47a8090 tanda tangan SHA1: 92d359118fb219ffde675c32f3ea691cea535719 Arsitektur: armeabi-v7a, arm64-v8a DPI layar: ldpi (120dpi), mdpi (160dpi), hdpi (240dpi), xhdpi (320dpi), xxhdpi (480dpi), xxxhdpi (640dpi) Perangkat: laptop, tablet, phone | |||||
4.0 40 XAPK | |||||
Ukuran: 4.01 MB XAPK: 20.41 MB Sertifikat: 662027dc449eeac98aff079b70bcb857a47a8090 tanda tangan SHA1: 1ed77fc3f58a6e7f4caaf5dbac9e3230680b86b8 Arsitektur: arm64-v8a, armeabi-v7a DPI layar: nodpi Perangkat: phone |
Unduh Jain Jinvaani APK gratis
, जिनेंद्र, यह एप्लीकेशन जिनवाणी को ऑफलाइन उपलब्ध कराने का एक प्रयास है
जय जिनेंद्र,
यहयहएपलिशनशनशनजिनवीीीीी ीसजिनव ससस ससजिनव ससित ससो ोसजिनव ोजिनवमगीोो ोाो ोामग्रियों को ऑफ़लाइन उपलब्ध कराने का एक प्रयास है, िाकि लोग वतंत्वतंत्र रूप से जिनव े े े े
मुख्रमुख विशेषताऐं: -
1. आरती
2. भक्ति
3. जिनेन्द्र स्तुति संग्रह
4. चालीसा
5. पूजा
6. स्तुति
7. स्त्रोत्र
8. .र्थंकर
9. समस्त पूजा अर्घ्यावली
10. दैनिकपाठ
11. प्रार्थना
12. दशलक्षण धर्म
13. णमोकार महामंत्र
14. जाप्य मंत्र
15. स्वाध्याय
16. सम्मेद शिखर कूट पूजन
17. बालबोध पाठमाला
18. भजन
यहयहएपलिशनशनशनजिनवीीीीी ीसजिनव ससस ससजिनव ससित ससो ोसजिनव ोजिनवमगीोो ोाो ोामग्रियों को ऑफ़लाइन उपलब्ध कराने का एक प्रयास है, िाकि लोग वतंत्वतंत्र रूप से जिनव े े े े
मुख्रमुख विशेषताऐं: -
1. आरती
2. भक्ति
3. जिनेन्द्र स्तुति संग्रह
4. चालीसा
5. पूजा
6. स्तुति
7. स्त्रोत्र
8. .र्थंकर
9. समस्त पूजा अर्घ्यावली
10. दैनिकपाठ
11. प्रार्थना
12. दशलक्षण धर्म
13. णमोकार महामंत्र
14. जाप्य मंत्र
15. स्वाध्याय
16. सम्मेद शिखर कूट पूजन
17. बालबोध पाठमाला
18. भजन
Menampilkan lebih banyak
Apa yang baru
Fixed Favorite menu bug
Fixed minor typing mistakes
Performance improvements
भक्तामर स्तोत्र - कमल कुमार शास्त्री
Fixed minor typing mistakes
Performance improvements
भक्तामर स्तोत्र - कमल कुमार शास्त्री
Info lebih lanjut
Diperbarui di
2021-11-05
Ukuran
20.55 MB
Versi sekarang
4.0
Membutuhkan Android
5.0 dan lebih tinggi
Peringkat Konten
Siapa saja
Ditawarkan oleh
Tarun Jain, Paras Jain
Pengembang [email protected]